Wednesday, May 22, 2019

प्रज्ञा ठाकुर के गोडसे बयान पर नीतीश कुमार ने कहा बर्दाश्त करने लायक नहीं

बीजेपी की भोपाल से प्रत्याशी और मालेगांव धमाके की अभियुक्त प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने से शुरू हुआ विवाद अभी शांत नहीं हुआ है.
अब बिहार के मुख्यमंत्री और एनडीए के सहयोगी नीतीश कुमार ने कहा है कि प्रज्ञा का बयान बर्दाश्त करने लायक नहीं है.
पटना में मतदान के बाद टीवी चैनलों से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा, "ये निंदनीय है. बीजेपी इस पर क्या कार्रवाई करती है ये उनका आंतरिक मामला है. हमें ऐसे बयान को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए."
नीतीश कुमार की ये टिप्पणी बीजेपी को असहज कर सकती है. नीतीश कुमार ने चुनाव के लंबे अंतराल को लेकर भी नाख़ुशी ज़ाहिर की.
नीतीश कुमार ने कहा, "चुनाव को इतना लंबा नहीं होना चाहिए. हर चरण के मतदान में काफ़ी लंबा अतंराल था. इस मुद्दे पर एक सहमति बनाने के लिए मैं सभी पार्टियों के नेताओं को पत्र लिखूंगा."
साध्वी ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा था कि 'नाथूराम गोडसे देशभक्त हैं, देशभक्त थे और देशभक्त रहेंगे.'
साध्वी के इस बयान पर बीजेपी की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर कहा है कि 'वो साध्वी को कभी माफ़ नहीं कर पाएंगे.'
वहीं बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से जब इस बारे में पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा था कि साध्वी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
हालांकि उन्हें साध्वी को पार्टी से निकालने के संकेत नहीं दिए हैं.
साध्वी प्रज्ञा सिंह कट्टर दक्षिणपंथी नेता हैं जिन्हें हाल ही में बीजेपी में शामिल किया गया है. मालेगांव धमाका मामले की अभियुक्त साध्वी लंबे समय तक जेल में भी रही हैं.
बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का कहना है कि अगर नीतीश साध्वी के बयान से इतने ही आहत हैं तो उन्हें बीजेपी से अपना गठबं
बिहार में आम चुनाव के आख़िरी चरण का प्रचार अभियान अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रहा है. इस बीच बिहार की सत्ताधारी पार्टी जेडीयू ने अचानक से चुनावी अभियान में पुराने मुद्दे को उछाल दिया है.
जेडीयू ने फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग शुरू कर दी है. दूसरी तरफ़ जेडीयू अपने कैंपेन में राष्ट्रवाद के उलट विकास कार्यों पर बात कर रही है.
हाल ही में जेडीयू के प्रधान सचिव केसी त्यागी ने बिहार के मतदाताओं से अपील की है कि उनकी पार्टी के कम से कम 15 लोगों को सांसद बनाएं ताकि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग संसद में की जा सके.
बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं और बीजेपी-जेडीयू 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं और लोक जनशक्ति पार्टी 6 सीट पर चुनाव लड़ रही है.
त्यागी ने कहा, ''15वें वित्त आयोग के सामने हम फिर से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग रखेंगे. बिहार के विकास के लिए यह मांग स्थायी संशोधन की तरह है.'' त्यागी की बातों का जेडीयू के बिहार प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह ने भी समर्थन किया है.
इससे पहले जेडीयू एमएलसी ग़ुलाम रसूल बलयावी ने कहा था कि 2019 में एनडीए सत्ता में आएगा तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग फिर से रखी जाएगी.
जेडीयू ने आरजेडी का साथ छोड़ एनडीए में फिर से आने का फ़ैसला किया था तब से इस मांग को लेकर वो ख़ामोश थी.
चुनाव के आख़िरी चरण में जेडीयू की इस मांग को नीतीश कुमार की दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.
जानकारों का मानना है कि विशेष राज्य के मुद्दे का फिर से उठना बीजेपी को असहज स्थिति में डाल सकता है क्योंकि पार्टी के बड़े नेता और वित्तमंत्री अरूण जेटली पहले ही विशेष दर्जे की मांग को खारिज करते हुए कह चुके हैं कि ऐसी मांगों का दौर समाप्त हो चुका है.
कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने पंजाब में चुनावी कैंपेन के दौरान अपने ही नेता सैम पित्रोदा की सिखों के ख़िलाफ़ 1984 में भड़के दंगे पर की गई टिप्पणी को सिरे ख़ारिज कर दिया.
राहुल ने पित्रोदा के बयान को ग़लत बताने के साथ कहा कि उन्हें माफ़ी मांगनी चाहिए. पित्रोदा ने 1984 के दंगों के बारे में कहा था कि 'हुआ तो हुआ.'
पंजाब के होशियारपुर में राहुल गांधी ने कहा, ''मैं पंजाब में हूं. कुछ दिन पहले सैम पित्रोदा ने 1984 के बारे में बोला था. मैंने उनसे कहा कि पित्रोदा जी, आपने जो कुछ भी कहा है वो बहुत ही ग़लत है और आपको माफ़ी मांगनी चाहिए. 1984 में जो कुछ भी हुआ वो ग़लत था और इसे लेकर लोगों के मन में जो ज़ख़्म है उसके प्रति सहानुभूति होनी चाहिए. 1984 में जो भी ग़लत हुआ उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए.''
राहुल ने कहा कि उन्होंने सैम पित्रोदा को फ़ोन कर कहा कि उन्हें अपनी टिप्पणी से शर्मिंदगी होनी चाहिए और सार्वजनिक तौर पर माफ़ी मांगनी चाहिए.
वहीं पंजाब के बठिंडा में एक रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पित्रोदा के बयान को लेकर राहुल गांधी पर हमला बोला.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "अरे नामदार, शर्म आपको आनी चाहिए. 1984 के सिख दंगों को आज 35 साल हो रहे हैं. कांग्रेस की करतूतों की वजह से, आज तक सभी दंगा पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया है."
धन ख़त्म कर लेना चाहिए.
समाचार एजेंसी एएनआई से राबड़ी देवी ने कहा, "अगर नीतीश कुमार प्रज्ञा ठाकुर के बयान से आहत हैं तो उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए. इस बयान के ऊपर बीजेपी से अलग हो जाना चाहिए."
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